
गर्भवती महिला और उसके माता-पिता से बर्बर मारपीट, न्याय की गुहार लेकर एसपी ऑफिस पहुंची पीड़िता
रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में ग्राम टिनमिनी में एक गर्भवती महिला और उसके विकलांग पिता व मां के साथ ससुराल पक्ष द्वारा बेरहमी से मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़िता अनुषा गुप्ता अपने माता-पिता के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई है।
फेसबुक से हुई पहचान, आर्य समाज में की थी शादी
पीड़िता अनुषा गुप्ता ने बताया कि फेसबुक के जरिए उसकी पहचान मधुसुदन से हुई थी। इसके बाद 13 सितंबर को दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और उत्तराखंड में रहने लगे। कुछ दिन पहले सास-ससुर ने उन्हें घर बुलाया, जिस पर वे 5 जनवरी को दिल्ली पहुंचे और छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से रायगढ़ आ रहे थे।
ट्रेन में पति छोड़कर फरार, ससुराल पहुंचते ही हमला
रायगढ़ आते समय डोंगरगढ़ से रायपुर के बीच मधुसुदन अनुषा को अकेला छोड़कर फरार हो गया। पीड़िता ने जब अपने देवर को फोन किया, तो उसने उसे और उसके माता-पिता को जान से मारने की धमकी दी।
इसके बावजूद ससुराल पक्ष के बुलावे पर 8 जनवरी को शाम 4 बजे अनुषा अपने माता-पिता के साथ टिनमिनी गांव पहुंची। लेकिन वहां गाड़ी से उतरते ही आरोपियों ने बाल खींचकर नीचे गिरा दिया और घंटों तक बेरहमी से पीटा।
गर्भवती के पेट पर नाच-नाच कर मारा
पीड़िता की मां नीरा गुप्ता ने बताया कि आरोपियों ने अनुषा के गर्भवती होने के बावजूद उसके पेट पर चढ़कर नाच-नाचकर मारा। महिला ने बताया कि वह मितानिन कार्यकर्ता है और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश लोगों तक पहुंचाती रही है, लेकिन आज खुद अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष कर रही है।
गांव में मदद की भीख मांगती रही, लेकिन कोई आगे नहीं आया
नीरा गुप्ता ने कहा कि जब गांव में मारपीट हो रही थी, तब वह मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन कोई भी आगे नहीं आया। किसी तरह जान बचाकर वह पड़ोस के गांव उमरिया पहुंची और डायल 112 को कॉल कर घटना की जानकारी दी। इस बीच ससुराल पक्ष के लोग वहां भी पहुंच गए, लेकिन उमरिया के ग्रामीणों ने उन्हें छुपाकर पुलिस के आने तक सुरक्षित रखा।
कई घंटों तक बर्बरता, पुलिस के सामने भी नहीं रुके हमले
पीड़िता ने बताया कि शाम 3:30 बजे से रात 8 बजे तक उसके साथ मारपीट होती रही। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तब भी आरोपी उसे छोड़ने को तैयार नहीं थे। आखिरकार, गांव के बुजुर्गों के हस्तक्षेप के बाद उसे छोड़ा गया।
कार्रवाई नहीं हुई तो आत्महत्या की चेतावनी
पीड़िता ने बताया कि 8 जनवरी की घटना के बाद से वह अस्पताल में भर्ती थी। दो दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने उसका बयान नहीं लिया। मां की रिपोर्ट पर केस दर्ज हुआ है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अगर दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आत्महत्या करने को मजबूर हो जाएगी।
पुलिस का आश्वासन: दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
इस मामले पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम ने कहा कि पीड़िता और उसके माता-पिता पर हमले की शिकायत दर्ज की गई है। पुसौर थाने में केस दर्ज कर जांच जारी है। साथ ही पीड़िता के लापता पति मधुसुदन की भी तलाश की जा रही है।